Lapis Lazuli: आत्मविश्वास, बौद्धिक विकास और सत्य की शक्ति का प्रतीक
Lapis Lazuli Stone, जिसे नीलाश्म भी कहा जाता है, एक शक्तिशाली healing crystal है जो मानसिक स्पष्टता, आंतरिक सच्चाई और गहन आत्मचिंतन को प्रोत्साहित करता है। यह पत्थर प्राचीन काल से ही Third Eye Chakra और Throat Chakra को सक्रिय करने के लिए उपयोग किया जाता रहा है।
Lapis Lazuli के प्रमुख लाभ (Benefits of Lapis Lazuli in Hindi)
मानसिक शांति और स्पष्ट सोच प्रदान करता है
आत्मविश्वास बढ़ाता है और निर्णय क्षमता को मजबूत करता है
anxiety, depression और negative thoughts को कम करता है
बोलचाल में स्पष्टता लाता है और communication skills को सुधारता है
रचनात्मकता (Creativity) और ध्यान शक्ति को बढ़ाता है
Students और writers के लिए अत्यंत लाभकारी gemstone
ज्योतिषीय लाभ (Astrological Benefits of Lapis Lazuli)
Lapis Lazuli को गुरु (Jupiter) और शनि (Saturn) ग्रह से संबंधित माना जाता है
यह राशि अनुसार धनु (Sagittarius), कुंभ (Aquarius) और तुला (Libra) के जातकों के लिए विशेष शुभ माना जाता है
कुंडली में गुरु या शनि ग्रह कमजोर हों, या मानसिक तनाव हो तो यह stone अत्यधिक लाभ देता है
यह stone higher wisdom, spiritual growth और inner vision को बढ़ावा देता है
Lapis Lazuli कैसे धारण करें (How to Wear Lapis Lazuli)
Lapis Lazuli को चांदी या पंचधातु की अंगूठी या ब्रेसलेट में धारण किया जा सकता है
इसे गुरुवार या शनिवार के दिन, सुबह 6 से 9 बजे के बीच, पूजा करके पहनें
पहनने से पहले इसे गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें और “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें
इसे दाहिने हाथ में अंगूठी या कलाई में ब्रेसलेट के रूप में पहनना उत्तम होता है