Lapis Lazuli (लैपिस लाजुली) एक गहरा नीला रत्न है, जो बहुत ही पवित्र, दिव्य और शक्तिशाली माना जाता है। यह रत्न खासकर गुरु (बृहस्पति) और शनि ग्रहों से जुड़ा होता है। यह मन, बुद्धि, आत्मा और संवाद को सशक्त बनाता है।
🌌 Lapis Lazuli पहनने के लाभ:
बुद्धि और निर्णय क्षमता बढ़ाता है
– यह रत्न मानसिक स्पष्टता और समझ को मजबूत करता है। छात्र, लेखक, शिक्षक और विचारशील पेशे वालों के लिए लाभदायक है।सच्चाई और आत्म-प्रकाश का रत्न
– यह व्यक्ति को सच्चाई के मार्ग पर चलने, आत्म-विश्लेषण और आत्म-जागरूकता में मदद करता है।थ्रोट चक्र (कंठ चक्र) को सक्रिय करता है
– बोलने की शक्ति और कम्युनिकेशन स्किल को बढ़ाता है। सार्वजनिक वक्ता, नेता, शिक्षक आदि के लिए उत्तम।डिप्रेशन और चिंता को दूर करता है
– मानसिक तनाव, चिंता और अनिद्रा को कम करने में सहायक होता है।आत्मविश्वास और नेतृत्व गुण बढ़ाता है
– यह आत्मविश्वास, सम्मान और साहस को बढ़ाकर आपको समाज में प्रभावशाली बनाता है।रूहानी/Spiritual उन्नति
– ध्यान, साधना और आध्यात्मिक कार्यों में मन को केंद्रित करता है।
📿 किसे पहनना चाहिए?
जिनकी कुंडली में गुरु या शनि अशुभ हों, या जो व्यक्ति मानसिक तनाव, निर्णयहीनता, बोलने में रुकावट, या आत्मविश्वास की कमी से परेशान हों।
धनु (Sagittarius), मीन (Pisces), कुंभ (Aquarius), तुला (Libra) राशि के लोगों को खास फायदा करता है।
जो लोग मेडिटेशन, योग, या रचनात्मक/शिक्षा क्षेत्र में हों।
📅 कैसे पहनें?
इसे चांदी या असली चमड़े की डोरी में गले में पहनें या अंगूठी में धारण करें।
गुरुवार या शनिवार को सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ मन से पहनें।
पहनने से पहले गाय के दूध में 10 मिनट तक डुबोकर रखें और मंत्र जाप करें:
"ॐ गुरवे नमः" या "ॐ शं शनैश्चराय नमः" – 108 बार।