स्फटिक (Sphatik) माला और रत्न के लाभ, ज्योतिषीय महत्व और पहनने का सही तरीका
स्फटिक (Sphatik Stone) एक पारदर्शी, शुद्ध और शक्तिशाली क्रिस्टल माना जाता है जिसे भारतीय संस्कृति और वैदिक ज्योतिष में विशेष स्थान प्राप्त है। यह ऊर्जा संतुलन (Energy Balance), मानसिक शांति (Mental Peace), और आध्यात्मिक उन्नति (Spiritual Growth) के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। स्फटिक माला या रत्न का उपयोग ध्यान, पूजा, और नेगेटिव एनर्जी से सुरक्षा के लिए किया जाता है।
स्फटिक पहनने के प्रमुख लाभ (Sphatik Stone Benefits in Hindi)
तनाव, चिंता और मानसिक अशांति को दूर करता है।
एकाग्रता बढ़ाता है और मन को शांति प्रदान करता है।
शरीर में ठंडक और मानसिक स्थिरता लाता है।
नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है।
ध्यान और मेडिटेशन में गहराई लाने में मदद करता है।
पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में सामंजस्य बढ़ाता है।
ज्योतिषीय लाभ (Astrological Benefits of Sphatik)
स्फटिक माला शुक्र (Venus) ग्रह को मजबूत करती है और इसके दोष को शांत करती है।
जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थिति में हो, उनके लिए स्फटिक अत्यंत लाभकारी होता है।
यह लक्ष्मी प्राप्ति, शांति, सौंदर्य और आकर्षण को बढ़ाने वाला रत्न है।
व्यापारिक क्षेत्र में सफलता और निर्णय शक्ति में वृद्धि करता है।
स्फटिक कैसे पहनें (How to Wear Sphatik)
स्फटिक माला को शुक्रवार या पूर्णिमा के दिन शुद्धता और मंत्रोच्चारण के साथ धारण करें।
पहनने से पहले माला को गंगाजल या कच्चे दूध से शुद्ध करें।
“ॐ श्रीं नमः” या “ॐ चन्द्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करके धारण करें।
इसे गले में माला के रूप में या दाहिने हाथ में कड़ा (bracelet) रूप में भी पहना जा सकता है।
इसे पूजा स्थान में भी रखकर वातावरण को पवित्र और सकारात्मक बनाया जा सकता है।